काम के दबाव से कैसे बचें
मेंरे मित्र कुमार आनंद एक बैंक में क्लर्क हैं। वो कहते हैं कि उनके साथ काम करने वाले कई साथी कर्मचारी ऐसे हैं जो अपना काम बड़े ही शांत ढंग से करते हैं जबकि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो काम का दबाव थोडा सा भी बढने पर सबसे अजीब रूखा व्यवहार करते हैं। दोस्तों ! काम का दायरा बढने पर मानसिक दबाव का होना तो स्वाभाविक है। लेकिन इस दबाव का बढ़ना या कम होना हमारी कार्यशैली पर निर्भर करती है। हम इस प्रकार के दबाव की स्थिति से निपट सकते हैं ……… जीवन में संतुलन होना है जरूरी : अपने पारिवारिक जीवन और कामकाजी जीवन के बीच एक संतुलन बनाऐ रखने का प्रयास करना चाहिऐ। जिस प्रकार कार्यस्थल पर अपने काम का महत्व देते हैं उसी प्रकार घर पर परिवार के साथ भी समय गुजारना भी महत्वपूर्ण है। ऐसा न हो कि आप कामकाज के दबाव के कारण अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह हो जाऐं। इन दोनों के बीच संतुलन न होने के कारण व्यक्ति का stress और भी बढ जाता है। समस्या का समाधान करना : कभी न कभी कार्यस्थल पर ऐसी स्थितियां आ जाती हैं जिससे काम का बोझ बहुत अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति उन जगहों पर